Herculean journey from "Siberia"to"India"

हम सभी ने किसी ना किसी माध्यम से इंसानी जज़्बे के क़िस्से तो सुने,देखे ही है;की अगर सच में कुछ पाने की इरादा हो तो.. अपने मजबूत इच्छा शक्ति से और अगर हिम्मत बड़ी हो तो... हम हमारे लक्ष को हासिल कर ही लेते है। 

 आज मैं मेरे इस Article के माध्यम से ऐसी ही सच्ची कहानी के बारे में बताने वाला हु की,हमारी हिम्मत सच में किसी Miracle से कम नहीं।  

ये Article  मैंने 2 Parts में लिखा है;क्यूँ की ये कहानी बहुत बड़ी होने वाली है...पर इससे शायद आपको काफी अच्छी inspiration मिलेगी।  
                                    
                                                                                                       Part -1 


                       ये कहानी है World War 2 की... Soviet Union के Poland पर आक्रमण करने के बाद,वो कई लोगो को बंदी बना लेते है,उन्ही में एक Army Officer भी होता है,जिसका नाम होता है "Yanush"..  वो उस पर कई सारे आरोप लगाकर उसको किसी पेपर पर Sign करने को कहते है, पर वो मना कर देता है और फिर उसे बड़े Officer के सामने खड़ा कर देते है... तभी वहाँ उसके पत्नी को बुलाया जाता है और वो Yanush सच्चाई बताने को कहते है और वो भी बताना शुरू कर देती है की, "Yanush" Communist Party से बहुत नफरत करता है और वो एक ख़ुफ़िया जासूस भी है.....इस बात से Yanush को बहुत दुःख होता है.. | 


             दरअसल Yanush जानता है की,उसकी पत्नी मजबूर है और इसी तहेद  Yanush को 20 साल की सजा हो जाती है और उसे Siberia की जेल में भेज देते है... ये ऐसी जगह होती है,जहाँ कैदी को अगर खुला भी छोड़ दे फिर भी वो वहाँ से भाग नहीं सकता...  क्यूँ की वहाँ कई Kilo-miter तक सिर्फ "जंगल" और "बर्फ" फैली हुई होती है ये बात है सन 1940 की। 

            जेल पहुँचने के बाद एक Officer वहाँ के सारे कैदी जिसमे Yanush भी है.. उन सब को बताता है की... उनकी जेल सिर्फ इतनी नहीं है बल्कि वो पूरा इलाक़ा उनकी जेल है। वहाँ करीब करीब १००० km तक कुछ नहीं होता है.. यहाँ से कोई भी कैदी भाग नहीं सकता और अगर कोई कैदी भागने में कामयाब भी हो जाता है,तो कुदरत किसी पर रेहम नहीं करती... क्यूँ की वहाँ बहुत ही ज्यादा ठंड होती है और दूसरी तरफ कैदियों पर इतने बड़े बड़े इनाम होते है.. की वहाँ के Local लोग उन्हें मारने में ज़रा भी नहीं चूकेंगे।  

             फिर सब अंदर चले जाते है.. जब खाना खाने की बारी आती है..तब वहाँ एक बूढ़े आदमी के हाथों से खाने का छोटा सा निवाला नीचे गिर जाता है। उस वक्त दूसरा कैदी भागकर वो निवाला उठाने की कोशिश करता है...मगर बूढ़ा आदमी उस निवाले पर पैर रखकर उसे उठाकर खा लेता है और ये सारा दृश्य Yanush देख रहा होता है...और वो अपना खाना उस कैदी को दे देता है....जो गिरा हुआ निवाला उठाने की कोशिश कर  रहा था। 

              तभी बूढ़ा आदमी Yanush के पास आकर उसे बोलता है यहाँ आधे राशन में तुम जिंदा नहीं रह सकते । तभी Yanush कहता है उस कैदी की उम्र तो देखो...तब बूढ़ा आदमी कहता है,उम्र तो मेरी भी हुई है... पर सुबह तक वो कैदी जिंदा नहीं रहेगा लेकिन मैं रहूँगा और चला जाता है.. । 

               फिर Yanush के पास एक कैदी आकर उसको कितने साल की सजा हुई पूछता है...Yanush कहता है 20 साल और जब Yanush उसे पूछता है.. तो वो कहता है 10 साल और कारण सिर्फ ये होता है की...वो एक Actor था जिसने एक फिल्म में एक अमीर इंसान का किरदार निभाया था... पर उस Actor ने फिल्म में उस अमीर इंसान को कुछ ज्यादा ही अमीर बनाया था..शौक होकर Yanush उससे कहता है Acting के लिए इतनी बड़ी सजा... उसके बाद Yanush उसे यहाँ से भागने के बारे में पूछता है,मगर वो कहता है ....इस जेल से आज तक कोई भाग नहीं पाया,तुम भी भागने सोचना मत। 

              कुछ दिन बाद Actor कैदी Yanush को भागने का रास्ता दिखता है,क्यूँ की उसे भी भागने के लिए ऐसे ही किसी साथी की तलाश थी. पर Yanush बोलता है हम जायेंगे कहा.. चारों तरफ तो जंगल और बर्फ है, तभी Actor (कैदी) बोलता है.. दक्षिण की तरफ Mangoliya, जो हजारों किलोमीटर दूर है और वो लोग वहाँ जाना तय करते है पर उनको ठंड कम होने का इंतजार करना पड़ता है ओर साथ ही में बहुत सारा खाना इकट्ठा करना भी जरूरी है... क्यूँ की उनका सफर बहुत ज्यादा लंबा होता है.
              कुछ दिनों तक वो खाना जमा करना शुरू करने लगते है और किसी को शक न हो इसीलिए सारे कैदियों के साथ जंगल में जाकर लकड़ी काटकर लाने का काम भी करते है। ऐसे ही जंगल से लकड़ी काटकर लाते वक्त अचानक वहाँ बहुत ठंडी हवाएँ चलनी शुरू हो जाती है,ओर वो इतनी ज्यादा ठंडी होती है की 4,5 लोग वही मर जाते है। 

              तभी वहाँ का एक बूढ़ा कैदी जिसका नाम स्मित होता है,वो ठंड से बचने के लिए सबको जंगल की तरफ भागने को कहता है...मगर कैदियों के भाग जाने के डर से वहाँ का पुलिस अफ़सर सबको मना कर देता है.. पर स्मित जंगल की तरफ चलना शुरू करता है,तभी पुलिस अफ़सर उनको गोली मारने की धमकी देता फिर भी वो नहीं रुकता,तो पुलिस अफ़सर सभी कैदियों को जंगल की तरफ भागने को कहता है,क्यूँ की उसको भी पता होता है अगर यहाँ रुके तो ठंड से सब मर सकते है। 
  
            अगले दिन पुलिस का बड़ा अफ़सर जेल आता है और स्मित को बोलता है"तुम्हें ठंड बहुत लगती है ना... ये कहकर उनके साथ कुछ कैदियों को (जिसमे Yanush भी होता है) दूसरी जगह भेज देता है;वो जगह होती है "खदान"... जहाँ उन कैदियों को मौत के अलावा कुछ नहीं मिल सकता...क्यूँ की वहाँ बहुत ज्यादा Pollution होती है... वहाँ पहुंचते ही Yanush को Hellisunation(भ्रम) होना शुरू जाता है; जिसमे उसको अपना घर दिखता है और उस घर के बहार एक पत्थर होता जिसके नीचे घर की चाबी होती है,वो उसे लेकर आगे बढ़ता...तभी वहाँ गार्ड आ जाता है और वो उसे गोली मारने ही वाला होता है,की स्मित उसे बचा लेता है और चिल्लाता है,पागल हो गए हो क्या "गार्ड अभी तुम्हें गोली मार देता"। 

             Yanush होश में आते ही स्मित से कहता है,मैं यहाँ नहीं रुक सकता... मैं एक Actor (कैदी) को जानता हुं,जिसके पास भागने का प्लान है ,मगर स्मित कहते है की,वो झूठ बोल रहा है,क्यूँ की जब स्मित वहाँ पहेली बार आए थे, तब उस Actor ने उनसे भी यही कहा था...  लेकिन स्मित  Yanush के साथ जेल से भागने के लिए तैयार हो जाते है। इसकी वजह पूछने पर स्मित Yanush से कहते है की... मुझे तुम्हारी कमज़ोरी पता है और वो है इंसानियत...क्यूँ की ये वही स्मित है जिसके हाथ से खाने का एक नीवाला नीचे गिरा था।  

              धीरे धीरे 7 लोग इकट्ठा हो जाते है जो जेल से भागना चाहते है... जिसमे Yanush,स्मित,Actor,एक Criminal,एक Artist और एक जिसे रात को दिखाई नहीं देता और 1 अन्य ... ऐसे करके 7 लोग भागने का सारा बंदोबस्त कर लेते है.

               कुछ दिनों बाद जब ठंड हवाएँ बहुत तेज़ हो जाती है उसी दिन Yanush सब को वहाँ से भागने को कहता है ताकी,बर्फ की तेज़ हवाओं से उनके भागने के पैरो के निशान अपने मिट जाएंगे,और वो लोग Genratore बंद करके सारी Lights Off  होने पर लोखंड की जाली काटकर वहाँ से भाग जाते है.. गार्ड को ये बात पता चलने पर वो उनका पीछा करते है... पर हवाएँ बहुत तेज़ होने की वजह से उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता इसीलिए वो उन भागे हुए कैदियों के पीछे कुत्ते छोड़ देते है।  

                वहाँ बर्फ की हवाएँ इतनी तेज़ होती है की,उन कैदियों को भी रास्ता बिलकुल दिखाई नहीं दे रहा होता है,तभी Yanush उसके साथ भागे हुए Criminal (कैदी) से चाकू लेता है और पेड़ की छाल काटकर सबके लिए मुखवटे बना कर देता है... और रात भर धीरे धीरे चलते हुए अगली सुबह वो लोग Siberia की जेल से बहुत दूर पहुंच जाते है;हालांकि वो इतने लम्बे भी नहीं होते है.. पर वहाँ बर्फ इतनी तेज़ होती है की,गार्ड को तक उन तक पहुंचना नामुमकिन है...वहाँ पहुँचकर उनके पास कितना खाना है वो चेक करते है,उनके पास बस कुछ ही हफ्तों का राशन होता है.. 
  
                स्मित Yanush से कहता है;तुम्हें इस Criminal(कैदी) पर भरोसा नहीं करना चाहिए था,वो बहुत क्रूर है,क्यूँ की उसने जेल में एक कैदी को सिर्फ इसीलिए मार दिया होता है,क्यूँ की उसका स्वेटर उसे चाहिए था..पर Yanush बोलता है उसके पास चाकू है और उसकी हमें ज़रुरत पड़ेगी और सभी लोग आगे बढ़ना शुरू कर देते है और Yanush उन सब को परछाईं के जरिये रास्ता दिखता है... दरअसल उनको दक्षिण की तरफ जाना है,वहाँ से उनको Siberia की Border पार करके Mangolia पहुंचना था जो की बहुत दूर है।
              
                 अब रात होने वाली होती है;इसीलिए वो सब एक जगह रुक जाते है,दरअसल उनको मांस चाहिए होता है वरना वो चल नहीं पाएंगे...उनमे से एक बोलता है.. मैं जाल बिछा सकता हुं, हम शिकार कर सकते है... पर Yanush कहता है नहीं हम एक जगह पर ज्यादा देर रुक नहीं सकते,हमें लगातार चलते रहना होगा ...  तभी Criminal (कैदी) वहाँ बसे गांव से खाना चुरा कर लाने की बात करता है पर उससे कोई सहमत नहीं होता और उस रात ठंड बहुत होती है इसीलिए सब लोग आग जलाने के लिए जंगल से लकड़ियाँ लाने जाते है।

                 उन मे एक कैदी वो भी होता है,जिसे रात को दिखाई नहीं देता...और वो रास्ता भूल जाता है,जब बाक़ी लोग वापस आ रहे होते है तब वो देखते है की,उन मे एक आदमी कम है;दरअसल उनको ये बात पता नहीं होती की,उसे रात को दिखाई नहीं देता...उन मे से सिर्फ एक को ये बात पता होती है और वो सबको बता देता है की,उसे रात को नहीं दीखता .. तभी सभी लोग उसे ढूंढते है,आवाजें लगाते है, पर वो नहीं मिलता... जब सुबह हो जाती है तब वो अँधा आदमी उन लोगो से कुछ ही दूर बैठा होता है... पर वो ठंड की वजह से मर चुका होता है और वो लोग उसे वही दफ़ना कर आगे निकल पड़ते है.

              उन्हें चलते चलते बहुत दिन हो चुके है;अब बर्फ़ का रास्ता वो पार कर के वो लोग जंगल में पहुंचते है.. पर वो सब भूखे और कमजोर है,इन्हे लगता है ये अब नहीं बचेंगे;हांलाकि प्लान के मुताबिक उन्हें पिछले हफ्ते ही झील तक पहुंचना था..पर अब भी वो लोग वहाँ से काफी दूर होते है.. फिर वो सब वही जंगल में आराम करते है;तभी उन्हें किसी जानवर की आवाज़ सुनाई देती है।
 

            आवाजें सुनकर वो सब आवाज़ों की तरफ भागते है और देखते है की,भेड़ियों ने वहाँ शिकार किया होता है,वो सभी लोग भेड़ियों को वहाँ से भगा देते है और उस मरे हुए शिकार को जानवरों की तरह खाने लगते है;क्यूँ की वो बहुत भूखे है;उन्हें पता है अगर वो ये नहीं खाएंगे तो मर जाएंगे।

             इसके बाद Yanush ये तय करता है की;वो आगे जाकर रास्ता देखे गा,क्यूँ की सभी लोग थक चुके होते  है;उनके अंदर अब ज्यादा ताकत नहीं है और जाने के पहले Yanush सब से ये कहता है,1 हफ्ते के अंदर अगर मैं वापस नहीं आया तो समझ लेना मैं नहीं रहा और वहाँ से चला जाता है।  

Continue.....

 तो ये था इस सच्ची कहानी का पहला Part.. इसका अगला Part बहुत जल्द  Publish होगा,क्यूँ की इनका सफर अभी भी जारी है ।